बक्सर में किसान अपना हक माँग रहे थे, बस इतना चाह रहे थे कि नीतीश सरकार अपने ही वादे को पूरा करे! अपने ही दावे पर अमल करे!
पर किसानों की दुश्मन नंबर 1 एन डी गठबंधन वालों ने किसानों को ही लहूलुहान नहीं किया, महिलाओं, बच्चों और वृद्धों को भी अपने अहंकार और अत्याचार से घायल करवा दिया!
किसानों की दुर्गति और उनके परिजनों की पिटाई ही है मोदी की गारंटी!

किसानों की ये आपत्तिजनक स्थिति काफी चिंताजनक है और इससे सामाजिक और राजनीतिक उतार-चढ़ाव भी बढ़ गया है। नेताओं को किसानों की माँगों को गंभीरता से लेना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
देश के किसान हमारी आत्मनिर्भरता की मुख्य ढाल हैं और उन्हें सहायता प्रदान करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इससे न केवल उनकी स्थिति में सुधार होगा बल्कि पूरे देश का विकास भी होगा।
बिहार के बक्सर शहर में इस हफ्ते एक भयानक हिंसा घटित हुई, जहाँ स्थानीय किसान बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
बताया जाता है कि पुलिस ने 10 जनवरी की रात में एक किसान के घर में घुसा, जिससे स्थानीय लोगों में हंगामा उत्पन्न हो गया, और उन्होंने कथित तौर पर पुलिस वैन में आग लगा दी और अन्य वाहनों को तोड़-फोड़ की।

इस हिंसा के परिणामस्वरूप, कई संपत्तियों में नुकसान हुआ, जिसमें एक चौसा पावर प्लांट भी शामिल था, जो सबसे पहले किसानों के विरोध का कारण था।